शिकायतों को महज 500 से 800 रूपये लेकर करा दिया जाता है फोर्सली फर्जी तरीके से सी एम हेल्पलाइन में क्लोज
मुरैना, 15 नवम्बर ( ग्वालियर टाइम्स ) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चंबल संभाग के वितरण में जो भी क्रम जारी है , उसमें कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में हुई अयोग्य व भ्रष्ट अफसरों और फील्ड में बिजली कर्मियों की पदस्थी तो खैर अपने आप में भ्रष्टाचार का एक नायाब नमूना रही है , सी एम हेल्पलाइन की शिकायतों को महज 500 से 800 रूपये लेकर ( हमारी आंखों देखी ) मुरैना कलेक्ट्रेट के गेट स्थित एन आई सी के सेवा केन्द्र से हर शिकायत को फर्जी तरीके से फोर्सली क्लोज कर यह कहा जाता रहा कि ( कोई भी ) शिकायतकर्ता (साले ) को घुमाते रहेंगें एक नंबर से चार नंबर तक ऐसे ही , तुम पैसे दिये जाओ , हम यूं ही क्लोज करते रहेंगें ।
यह वाकया उस वक्त का है जब एक पुलिस शिकायत के संबंध में हम सी एस पी मुरैना को अपना बयान दर्ज कराने गये थे , तब संयोग से सी एस पी मुरैना ने हमें वहां उस कक्ष में भेज दिया था और दो चार घंटे हमने उस कक्ष की कार्यवाही और प्रणाली को खुद अपनी आंखों से देखा , संयोग से कक्ष प्रभारी हमें पहचानता नहीं था सो धड़ल्ले से हमारे सामने ही खेल करता और बताता रहा ।
बिजली कंपनी का भ्रष्टाचार और घटिया इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अवैध व फोर्सली फर्जी बिल देना तो खैर किसी से छिपा नहीं है , न आम जनता से और न किसी राजनेता से , न न्यायालय से और न किसी भी जांच एजेंसी से । न थ्री फेज सप्लाई है कहीं और न किसी उपभोक्ता के थ्री फेज बिल लगातार भुगतान के बावजूद ही थ्री फेज सप्लाई ही मिल रही है , मटरूआ , करूआ हों या कोई और शराब में 24 घंटे मस्त पड़े बिजली अफसर और बिजली कर्मीयों के शौक और मौज केवल दारू तक ही हो ऐसा नहीं है , औरतखोरी और रिश्वत , भ्रष्टाचार के अलावा मांस , मुर्गा और बकरे के शौकीन , जहां फैक्ट्रियों और उद्योगों को जमकर बिजली चोरी करा कर रोजाना ही कंपनी को अपने बाप का माल समझ कर बेच रहे हैं तो उनके बिजली बिलों को घरेलू आम उपभोक्ताओं पर एडजस्टमेण्ट के नाम और आकलित खपत के नाम पर फर्जी तरीके से लाद देता है और चोरों को साहूकार तथा साहूकारों को चोर बनाता रहता है ।
भ्रष्टाचार और अंधेरगर्दी का आलम ये है कि घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली तो कभी मिलती ही नहीं है और केवल बिल मिलते हैं , जबकि उद्योगों और फैक्ट्रियों के हर महीने के लाखों करोड़ों के बिलों की चोरी करवा कर , एडजस्टमेण्ट के लिये आकलित खपत का फर्जी आंकड़ा बना कर धर दिये जाते हैं ।
बिजली आम आदमी को न तो कमलनाथ की कांग्रेस सरकार दे पाई और वही नतीजा भी हालिया उपचुनाव परिणामों में कमनाथ सरकार ने भोगा भी, और उन्हीं अंधेरगर्द और भ्रष्ट अफसरों तथा बिजली कर्मियों की तैनाती और उनकी अयोग्यता, नाकारा और निकम्मापन और भ्रष्टाचार अब उपचुनाव होते ही फिर से सिरदर्द बन कर उठा है ।
उपचुनावों से पहले रोजाना की जा रही आठ दस घंटों की अघोषित अंधाधुंध बिजली कटौती , उपचुनाव और दीवाली गुजरते ही फिर से आज 15 नवम्बर सेफिर से चालू हो गयी है , मुरैना में ( गांधी कालोनी . ग्वालियर टाइम्स के प्रधान कार्यालय के आसपास क्षेत्र की ) आज सुबह 9:30 बजे बिजली काटने के बाद , शाम 6:15 बजे से बिजली फिर काट दी गयी जो कि इस समय इस खबर के लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक पूरी तरह बंद है , ग्वालियर टाइम्स के प्रधान कार्यालय पर हालांकि 3 फेज का कनेक्शन सन 1995 से है , और 3 फेज का ही बिजली भुगतान किया जाता रहा है मगर बिजली केवल सिंगल फेज के ही 3 फेज बनाकर दी जाती है अर्थात 3 फेज की केबल को पोल पर तीनों फेजों को एक ही सिंगल फेज से जोड़कर दी जाती है । जिसकी तमाम शिकायतें सी एम हेल्पलाइन में की गईं और पी जी पोर्टल भारत सरकार में की गईं , भ्रष्ट अफसरों ने सी एम हेल्पलाइन की सभी शिकायतें बिना किसी निराकरण के ही फोर्सली उटे सीधे जवाब देकर बंद करवा दीं और पी जी पोर्टल भारत सरकार की किसी भी शिकायत का आज तक जवाब ही नहीं दिया , वहां सभी शिकायतें आज दिनांक तक अनिराकृत और पेंडिंग तथा जवाबहीन हैं । जबकि भारत सरकार द्वारा म. प्र. शासन के प्रमुख सचिव ऊर्जा से तत्समय ही जवाब तलब किया जा चुका है लेकिन आज दिनांक तक किसी शिकायत का जवाब देने की जहमत म.प्र. शासन ने नहीं उठाई जिससे आगे हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुले ।
इस भ्रष्टाचार की और निकम्मेपन तथा अयोग्यता की ही देन है कि आज चम्बल अंधेरे में डूबी हुई है ।
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