प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति होने पर बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने की व्यवस्था के अंतर्गत वित्तीय समर्थन प्रदान करने के लिए कृषक, कृषि व्यवसाय में बने रहते हुये उन्नत तकनीकी का उपयोग एवं टिकाऊ-नवीन/अभिनव कृषि हेतु प्रोत्साहित करने की व्यवस्था प्रदान की गई है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री पी गुजरे द्वारा जिला स्तर पर अधिसूचित फसले रबी 2020-21 के अंतर्गत मसूर तहसील स्तर पर अलसी एवं पटवारी हल्का स्तर पर गेहू सिंचित, चना, राई/सरसों की सुविधा प्रदान की गई है। जिसके अंतर्गत देय प्रीमियम रबी मौसम में सभी अनाज दलहन, तिलहन फसलों हेतु बीमित राशि मात्र अधिकतम 1.5 प्रतिशत प्रीमियम कृषक भाईयों के द्वारा देय है। इसी प्रकार रबी 2020-21 में अधिसूचित फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2020 है। अतः इच्छुक कृषक भाई उक्त तिथि के पूर्व अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। जिसमें कृषको की पात्रता निर्धारित की गई है। साथ ही अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलें उगाने वाले बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान अपनी फसलों का बीमा आच्छादन प्राप्त करने हेतु पात्र हैं। योजना सभी कृषकों हेतु स्वैच्छिक की गई है। अल्पकालिक फसल ऋण प्राप्त करने वाले कृषकों की फसलों का बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जावेगा। अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक, लोक सेवा केन्द्र एवं कार्यरत बीमा कंपनी के अधिकृत एजेण्ट के माध्यम से करवा सकते हैं।
अऋणी कृषकों हेतु आवश्यक दस्तावेज निर्धारित किये गये है। जिसमें फसल बीमा प्रस्ताव फार्म। आधार कार्ड। पहचान पत्र- शासन द्वारा मान्य जैसे वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड। भू-अधिकार पुस्तिका। बुआई प्रमाण पत्रः- पटवारी या ग्राम-पंचायत सचिव द्वारा जारी करने की व्यवस्था दी गई है।
इसी प्रकार समस्त ऋणी एवं अऋणी कृषकों हेतु आधार कार्ड अनिवार्य है तथा मोबाईल नं. वांछित हैं। स्वैच्छिक बीमा के अतर्गत जो ऋणी कृषक भाई अपनी फसल का बीमा नहीं कराना चाहते है, वे बीमांकन की अंतिम तिथि दिनांक 31 दिसंबर 2020 से 07 दिवस पूर्व अर्थात 24 दिसबर 2020 तक संबंधित बैंक में लिखित में आवेदन कर निर्धारित प्रपत्र भरकर योजना से बाहर जा सकते है।
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