मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के संबंध में प्रदेश में सभी सावधानियां पूरी तरह बरती जाना चाहिएं परंतु साथ ही इस बात का पूरा ध्यान भी रखा जाना चाहिए कि अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। हमें कोरोना संक्रमण को रोकना है साथ ही अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना है। कोरोना नियंत्रण के संबंध में शासन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के स्थान पर जनता को आत्मानुशासन के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में प्रदेश में राजस्व संग्रहण संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में वाणिज्यकर मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी आदि उपस्थित थे।
बैठक में विभागवार राजस्व संग्रहण की समीक्षा के दौरान बताया गया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष जहां आबकारी आय में कमी होने का अनुमान है वहीं खनिज आय में वृद्धि अनुमानित है। आबकारी आय में विभाग से 9 हजार 300 करोड़ का अद्यतन अनुमान प्राप्त हुआ है। खनिज आय में बजट अनुमान 4 हजार 982 करोड़ के विरूद्ध 5 हजार करोड़ का अद्यतन अनुमान है। परिवहन आय में 2 हजार 500 करोड़ बजट अनुमान के विरूद्ध 2 हजार 500 करोड़ का ही अद्यतन अनुमान है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीयन में वृद्धि अनुमानित है। इसके अंतर्गत बजट अनुमान 5 हजार करोड़ के विरूद्ध 5 हजार 600 करोड़ का अद्यतन अनुमान है।
प्रदेश में वाणिज्यिक कर में सितम्बर माह में गत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें इस वर्ष 17 हजार 763 करोड़ रूपए का अद्यतन अनुमान है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष वैट में भी वृद्धि अनुमानित है। वैट में बजट अनुमान 11 हजार 715 करोड़ के विरूद्ध इस वर्ष 13 हजार 9 करोड़ का अद्यतन अनुमान है।
गत वर्ष की तुलना में 31 अक्टूबर 2020 तक की स्थिति
बैठक में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 31 अक्टूबर तक की राजस्व आय की समीक्षा में बताया गया कि इस अवधि तक प्रदेश में वाणिज्य कर का 18 हजार 775 करोड़ का संग्रहण हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 1.50 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीयन में 2 हजार 948 करोड़ का संग्रहण हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 9.72 प्रतिशत कम है। आबकारी में 4 हजार 649 करोड़ करोड़ का संग्रहण हुआ, जो कि गत वर्ष की तुलना 24.87 प्रतिशत कम है। आबकारी को छोड़कर शेष सभी मदों में वर्ष के शेष समय में राजस्व संग्रहण में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि अनुमानित है।
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