आत्मनिर्भर मप्र बनाने हेतु रोडमैप के बिन्दुओ पर तैयारियां जारी रखें-कलेक्टर

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में वीसी में निर्देशों पर रोडमैप के बिन्दुओ के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा अमल प्रारंभ कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी प्रारंभ की गई तैयारियों के अनुसार तैयारी जारी रखे। इस दिशा मे कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने प्रशासन, पुलिस और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाये जाने के लिए रोडमैप के प्रत्येक बिन्दु पर गहन अध्यन किया जावे।  

    कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने जारी निर्देशो में कहा है कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा मॉनीटरिंग के लिये जो डेशबोर्ड बनाया गया है। इस पर जिले की परफॉरमेन्स सही प्रदर्शित होनी चाहिए। इस पर उचित कदम उठाये जायें। इसी प्रकार धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में समन्वय स्थापित कर कार्यवाहियों को आगे बढाया जावे। साथ ही जिले में स्थापित समर्थन मूल्य पर ज्वार, बाजरा आदि की खरीदी समय पर होनी चाहिए। जिसके अंतर्गत शत प्रतिशत किसानों से ज्वार बाजरा की खरीदी की जावे।
    इसी प्रकार पात्रता पर्ची का वितरण 100 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये। साथ ही पर्चीयो का शत प्रतिशत वितरण कराया जावे। कलेक्टर ने कहा है कि सुशासन हर हाल में कायम रखा जाये। साथ ही कानून एवं कोविड के नियमों का पालन किया जाये। अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन न हो, सख्ती से कार्रवाही होनी चाहिए। चिटफण्ड कंपनी या उनके मालिक तथा डायरेक्टर के विरूद्ध कार्रवाही हो। मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही हो।
    कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि किसान सम्मान निधि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जावे। इस दिशा में पटवारी गांवों में फोटो खींचे और योजना का क्रियान्वयन तुरंत सुनिश्चित करावे। ग्रामीण एवं शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता तत्काल मिले और इस सहायता से अपना व्यवसाय करने में सहायक बने सके। आगे भी उनको तीसरी बार ऋण मिलने में आसानी होगी।  स्व-सहायता समूहों का सशक्तिकरण हो और उनके उत्पाद के लिये उन्हें आउटलेट सुविधा दी जाये।
    कोविड-19 पर लगातार निगाह रखी जाये। फीवर क्लीनिक में जांच का कार्य तेज किया जाये। एक जिला एक उत्पाद के मामले में जिले की ग्रामीण कृषि व्यवसायियों को उचित बाजार मूल्य दिलाया जाये और एक्सपोर्ट में जोड़ा जाये। इसी प्रकार नगरीय निकायों, जनपद एवं जिला पंचायतों में जो अनुपयोगी राशि है, जिसका उपयोग नहीं हो सकता है, शासन को भेजी जाये एवं अन्य प्रकार की राशियों के मामले में शासन निर्देशानुसार तत्काल कार्रवाही की जाये। (इस बावत परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत समन्वय करें)।
    जिले में खाद वितरण की मॉनीटरिंग की जाये। साथ ही आवश्यकतानुसार किसानो की रबी फसलो की बोनी के लिए खाद वितरण की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जावे। इसी प्रकार रोजगार एवं स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाकर अधिक से अधिक युवाओं एवं रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों को रोजगार प्रदाय किया जाये। इसके लिये आवश्यक कदम उठाया जाये। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अनुसार अगले माह में होने वाली समीक्षा बैठक में दिये गये विषयों में प्रभावी क्रियान्वयन किया जावे।

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